Jeevan Vidya Workshop
| Event Start Date: 23rd November 2019 | Event End Date: 30th November 2019 | Event Venue: Dharwad, Karnataka |
This is a residential workshop hosted at Dharwad, Karnataka. There is only room for about 30 participants, so please register as early as possible. It is important that you attend the whole workshop from start to finish as each day builds on the previous one.
The Facilitator:
This workshop will be facilitated by Vinish Gupta, who leads the Centre for Holistic Learning. He has been involved with various social and environmental movements in the past. In his youth he spent over a decade as a Buddhist monk, exploring traditional Indian systems of thought and living. His current interests include value education, and design of environmentally sound systems and technologies.
What to bring:
Bring personal clothing, a bed-sheet, umbrella, torch, water bottle, towel, toiletries, mosquito-net/repellent, and any interesting materials from your organization to share and anything creative that you like to do to share with others.
This event is run on gift culture. The workshop is shared as a gift and the facilitator does not receive any payment for facilitation. The costs (for food and stay) of your participation have already been paid by those who attended the workshop before you and found it beneficial; should you find the workshop beneficial, you may pay forward for the participation of future participants. Money is never a consideration for participation in this workshop.
1. Dr Sanjeev Kulkarni – 9448143100 (7 pm to 9 pm only)
2. Shri Santosh Oswal – 9880139840
3. Shri Sanjeevkumar Patil – 9448231960 (Email: info@
Please note that the workshop is of an integrated nature and has to be attended in its entirety. It may not be attended partially.
Here is how to reach Dharwad. It is ideal for participants to arrive by the evening of the 22nd November itself; they may leave after lunch of 30th November 2019.
Best wishes,
Dharwad Sukhi Jeevan Group
धारवाड़ सुखी जीवन समूह ,
द्वारा आयोजित
धारवाड़, कर्णाटक
में
जीवन विद्या शिविर
23 नवंबर से 30 नवंबर 2019
शिविर के बारे में:
जीवन विद्या शिविर (करीब 40 घंटे की अवधि की) एक गहरे अध्ययन की प्रक्रिया है, जिसमे जीवन के मौलिक परन्तु प्रायः उपेक्षित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। आपसी सम्बन्ध, शिक्षा, समाज, प्रकृति, लक्ष्य, सफलता आदि पर एक गहरा संवाद होता है जिसके द्वारा प्रतिभागियों को ज़िन्दगी के भिन्न प्रतीत होने वाले पहलुओं के बीच की कड़ियाँ पहचानने व समझने का अवसर मिलता है। कोई प्रवचन या उपदेश नही होता। प्रबोधक द्वारा कुछ प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाते हैं, और प्रतिभागियों को उनके आतंरिक विचारों, भयों, सम्भ्राँतियों, आकांक्षाओं आदि को जांचने में सहयोग किया जाता है। क्रमशः ढेर सारी छिपी मान्यताएं उजागर होने लगती हैं और व्यक्ति को ज़िन्दगी के सूक्ष्म ताने बाने का एक नयी स्पष्टता से दर्शन होने लगता है; मानव में सकारात्मक सृजनशक्ति की नयी संभावनाओं का बोध होने लगता है। एक सशक्त चिंतन-यात्रा का शिविर में प्रारम्भ तो होता है पर अंत नही …
यह 8-दिवसीय पूर्णकालिक आवासीय शिविर है। धारवाड़, कर्णाटक में आयोजित इस शिविर में कुल 30 प्रतिभागियों के लिए स्थान हैं, इस लिए पूर्व पंजीकरण करें।
शिविर में पूर्णकालिक प्रतिभागिता अनिवार्य है, आंशिक प्रतिभागिता की अनुमति नही है।
शिविर के दौरान स्वैच्छिक श्रमदान करने का व व्यक्तिगत हुनरों के आदान-प्रदान का भी अवसर रहेगा।
प्रबोधक:
इस शिविर में प्रबोधन श्री विनीश गुप्ता करेंगे। वे लम्बे समय से विभिन्न सामाजिक व पर्यावरणीय अभियानों से जुड़े रहे हैं। करीब दस वर्ष तक वे बौद्ध परंपरा में भिक्षु भी रहे, जिस दौरान उन्हें भारतीय विचारधाराओं व तौर तरीकों को समझने का अवसर मिला।
साथ लाएं:
निजी वस्त्र, चादर, पानी की बोतल, टॉर्च, तौलिया, साबुन आदि निजी उपयोग का सामान, आपके संस्था / कार्य से सम्बंधित सामग्री, व कुछ भी रचनात्मक जो आप को दूसरों के साथ करना / बांटना अच्छा लगता है।
यह शिविर ‘उपहार संस्कृति’ पर आधारित है। प्रबोधक को प्रबोधन कार्य के लिए कोई धन राशि नहीं दी जाती है।
आप के रहने-खाने की व्यवस्था पर आया खर्च आप से पूर्व आये व लाभान्वित हुए प्रतिभागियों ने वहन किया है। यदि आप भी लाभान्वित होते हैं, आप भविष्य में आने वाले प्रतिभागियों के लिए अपनी इच्छा अनुसार अग्रिम अनुदान दे सकते हैं। आर्थिक असमर्थता के कारण किसी की प्रतिभागिता बाधित नही होने दी जाएगी।
शिविर स्थली पर रहने वह खाने की व्यवस्थाएं सादी व आश्रम सद्रश होंगी। सोने की व्यवस्था ज़मीन पर लगे गद्दों पर होगी, व शौचालय केवल भारतीय पद्धति के होंगे। शिविर स्थली पर पाश्चात्य पद्धति के शौचालय (western WC) उपलब्ध नही हैं। शिविरार्थिओं के लिए शिविर स्थली के रख रखाव, भोजन पाचन, श्रमदान आदि में योगदान के भी अवसर उपलब्ध रहेंगे।
इस शिविर में भाग लेने के लिए यह ऑनलाइन फॉर्म भरें।
धारवाड़ से प्रतिभागी पंजीकरण हेतु इन से भी संपर्क कर सकते हैं:
2. श्री संतोष ओसवाल – 9880139840
3. श्री संजीवकुमार पाटिल – 9448231960 (इ-मेल : info@
शिविर के दौरान स्वैच्छिक श्रमदान करने का व व्यक्तिगत हुनरों के आदान-प्रदान का भी अवसर रहेगा।
हमारी आशा रहती है कि इस कार्यक्रम के लिए आने वाले प्रतिभागी हवाई यात्रा का निषेध कर अन्य साधनों से आएं।
धारवाड़ पहुँचने के बारे में जानकारी यहाँ है। उत्तम होगा यदि प्रतिभागी 22 नवंबर की शाम तक ही पहुँच पाएं। वे 30 नवंबर को दोपहर के भोजन उपरांत वापस लौट सकते हैं।
शुभ कामनाएं
धारवाड़ सुखी जीवन समूह

