वज्रसूची – सामाजिक न्याय पर कार्यशाला | Vajrasuchi – A workshop on Social Justice


Event Start Date:
16th June 2023
Event End Date:
16th June 2023
Event Venue:
Sambhaavnaa, Palampur

https://www.sambhaavnaa.org/programs/vajrasuchi/

वज्रसूची – सामाजिक न्याय पर कार्यशाला – आओ जाति को समझें

Vajrasuchi – A workshop on social justice – Come! Let’s understand Caste

16th – 20th June, 2023

पृष्ठभूमि :

भारतीय समाज में गैरबराबरी, अन्याय व शोषण सामाजिक जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है.जाति आधारित भेदभाव और छुआछूत अपने विभिन्न रूपों में आज भी कायम है,जबकि भारत का संविधान छुआछूत को गैर कानूनी घोषित कर चुका है और समता,स्वतंत्रता,बंधुता व न्याय को अपनी उद्देशिका में शामिल करके आगे बढ़ रहा है. राजनीतिक रूप से एक व्यक्ति, एक मत व एक मूल्य का सिद्धांत लागू भी हुआ है,लेकिन सामाजिक और आर्थिक न्याय अब भी नहीं मिल पाया है. वर्ण और जाति विरोधी विचारकों और आंदोलनों ने जाति के समूल नाश का सपना देखा परन्तु जाति ख़त्म होने के बजाय निरंतर मजबूत हो रही है तथा जाति आधारित भेदभाव, अन्याय व शोषण बढ़ रहा है. ऐसे में सामाजिक न्याय अब भी एक सपना ही है, हकीकत नहीं बन सका है. एक राष्ट्र राज्य के रूप में भारत तथा उसके नागरिक सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में विफल दिखाई पड़ते हैं.

उदेश्य:
जो लोग सामजिक न्याय की स्थापना की दिशा में कार्यरत हैं अथवा काम करने के इच्छुक हैं, उनकी समझ को और गहन करना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है. जाति व जाति जनित भेदभावों, वंचनाओं, दृष्टिकोणों, शोषण और अन्यायों के बारे में यह कार्यशाला कार्यकर्ताओं, मीडियाकर्मियों, शिक्षाविदों तथा नीति निर्माताओं को संवेदनशील बनाएगी और उन्हें जाति के उद्भव, उसके क्रमिक विकास,जाति आधारित निषेधों, जाति पंचायतों,जातिगत भेदभावों के इतिहास और जाति उन्मूलन की संभावनाओं पर गहराई तक सोचने समझने में मदद करेगी.

हमारा मानना है कि जब तक हम भारतीय समाज के सामाजिक ढांचे को नहीं समझेंगे, तब तक असमानता के सवालों के जवाब नहीं खोज सकते इसलिए यह ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है कि भारत में सामाजिक न्याय में बाधक जाति व्यवस्था का गहन अध्ययन किया जाये तथा उसे समझकर आधुनिक भारत को जाति से उत्पन्न समस्याओं से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ा जाए

कार्यशाला के बारे में:

कार्यशाला को 3 भागों में विभक्त किया जाएगा
(1) इतिहास
(2) सैद्धांतिक समझ तथा अनुभव आधारित समझदारी
(3) जाति विनाश की व्यवहारिकता

इसमें जाति व्यवस्था क्या है ? उसका इतिहास क्या है, छुआछूत व भेदभाव में धर्मशास्त्रों की भूमिका, साम्प्रदायिक संगठन और जाति व्यवस्था तथा जातिवाद को ख़त्म करने के सम्बन्ध में सामने आने वाली चुनौतियों तथा जाति व्यवस्था का भारत में भविष्य आदि प्रश्नों को गहराई से देखा जायेगा. यह अतीत, वर्तमान तथा भविष्य की दृष्टि के निमार्ण के लिए भी महत्वपूर्ण होगा|

5 दिवसीय कार्यशाला का पाठयक्रम जान्ने के लिए इस लिंक पर जाएँ Vajrasuchi

स्त्रोत व्यक्ति :

भंवर मेघवंशी: भंवरजी एक पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ साथ लेखक भी है| उन्होंने दो किताबे लिखी है ‘मैं एक कारसेवक था’ और ‘’I Could Not Be Hindu : The Story of a Dalit in the RSS)

मोहन मुक्त: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के निवासी एवं रहवासी | पिछले १३ वर्षो से पत्र पत्रिकाओं में वैचारिक लेखन कर रहे है| ‘हिमालय दलित है ‘उनका पहला काव्य संग्रह है|

संभावना संस्थान

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